Welcome to Real Ghost Stories(भूतो की कहानियाँ )
Mano Ya Na Mano Release on dated 23rd August 2012, Real Ghost Stories (भूतो की कहानियाँ )Mano Ya Na Mano providing a fresh source of first hand images,information,and research into the world of the paranormal,it contains an ever growing collection of first hand, true ghost stories, classic photographs and images.

Real Ghost Stories – The Devil and his demons, ghosts, vampires, ghouls, evil human and animal spirits all walk the Earth freely to this very day. The reports by psychics and common people from all corners of the planet are unanimous—Ghosts are real. Some of them are evil, cunning, and manipulative while others are benign.

Do YOU believe in Ghosts? Do you think we, the believers, are weird or strange? Read on and you might just assent to our belief.

We, the people who believe, know there are many unsolved mysteries in this world. Those who don't believe say there are no such things as ghosts, spirits, demons, vampires, haunting, and so on, but rather strangely, will likely never agree to sleep alone in a graveyard at night. And some are even paranoid of the dark. What gives?

Well, I hope you will give me and my fellow believers a chance to convince you about the "cosmic unknown".

Since you are still here, good, at least you are curious. Or maybe, there is more to your curiosity than you care to admit. Please share with us if you dare.


Anyway, I want to thank all those who have sent me their stories. There have been hundreds of stories, and I can't possibly edit them all in the near future, so I ask you to be patient and to keep sending your stories. Some of the stories may not be featured on this website but may end up in my upcoming post.

क्या है श्रापित कोहिनूर का राज ?

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कहते हैं बिजली एक बार गिरे तो वह दुर्घटना है, उसी स्थान पर जब वह दूसरी बार गिरे तो वह एक इत्तेफाक है लेकिन अगर समान स्थान पर तीसरी बार भी बिजली गिरे तो समझ लेना चाहिए कि यह किसी का श्राप है.
भारत का विश्वविख्यात धरोहर कोहिनूर हीरा, जिसे अंग्रेज भारत से दूर लंदन ले गए थे, भले ही दुनिया का सबसे अनमोल हीरा क्यों ना हो लेकिन उसके साथ भी एक ऐसा श्राप जुड़ा है जो मौत तो लाता ही है लेकिन पूरी तरह तबाह और बर्बाद करने के बाद.

कोहिनूर अर्थात कोह-इ-नूर, का अर्थ है रोशनी का पहाड़, लेकिन इस हीरे की रोशनी ने ना जाने कितने ही साम्राज्यों का पतन कर दिया. वर्तमान आंध्र-प्रदेश के गुंटूर जिले में स्थित एक खदान में से यह बेशकीमती हीरा खोजा गया था. ऐतिहासिक दस्तावेजों में सबसे पहले इस हीरे का उल्लेख बाबर के द्वारा “बाबर नामा” में किया गया था. बाबरनामा के अनुसार यह हीरा सबसे पहले सन 1294 में ग्वालियर के एक अनाम राजा के पास था. लेकिन उस समय इस हीरे का नाम कोहिनूर नहीं था. लेकिन लगभग 1306 ई. के बाद से ही इस हीरे को पहचान मिली.

कोहिनूर हीरा हर उस पुरुष राजा के लिए एक श्राप बना जिसने भी इसे धारण करने या अपने पास रखने की कोशिश भी की.
इस हीरे के श्राप को इसी बात से समझा जाता है कि जब यह हीरा अस्तित्व में आया तो इसके साथ इसके श्रापित होने की भी बात सामने आई कि: “इस हीरे को पहनने वाला दुनिया का शासक बन जाएगा, लेकिन इसके साथ ही दुर्भाग्य भी उसके साथ जुड़ जाएगा, केवल ईश्वर और महिलाएं ही किसी भी तरह के दंड से मुक्त होकर इसे पहन सकती हैं.”

कई साम्राज्यों ने इस हीरे को अपने पास रखा लेकिन जिसने भी रखा वह कभी भी खुशहाल नहीं रह पाया. इतिहास से जुड़े दस्तावेजों के अनुसार 1200-1300 ई. तक इस हीरे को गुलाम साम्राज्य, खिलजी साम्राज्य और लोदी साम्राज्य के पुरुष शासकों ने अपने पास रखा और अपने श्राप की वजह से यह सारे साम्राज्य अल्पकालीन रहे और इनका अंत जंग और हिंसा के साथ हुआ. लेकिन जैसे ही यह हीरा 1326 ई. में काकतीय वंश के पास गया तो 1083 ई. से शासन कर रहा यह साम्राज्य अचानक 1323 ई. में बुरी तरह गिर गया. काकतीय राजा की हर युद्ध में हार होने लगी, वह अपने विरोधियों से हर क्षेत्र में मात खाने लगे और एक दिन उनके हाथ से शासन चला गया.

काकतीय साम्राज्य के पतन के पश्चात यह हीरा 1325 से 1351 ई. तक मोहम्मद बिन तुगलक के पास रहा और 16वीं शताब्दी के मध्य तक यह विभिन्न मुगल सल्तनत के पास रहा और सभी का अंत इतना बुरा हुआ जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी.

शाहजहां ने इस कोहिनूर हीरे को अपने मयूर सिंहासन में जड़वाया लेकिन उनका आलीशान और बहुचर्चित शासन उनके बेटे औरंगजेब के हाथ चला गया. उनकी पसंदीदा पत्नी मुमताज का इंतकाल हो गया और उनके बेटे ने उन्हें उनके अपने महल में ही नजरबंद कर दिया.

1605 में एक फ्रांसीसी यात्री, जो हीरों जवाहरातों का पारखी था, भारत आया और उसने कोहिनूर हीरे को दुनिया के सबसे बड़े और बेशकीमती हीरे का दर्जा दिया. 1739 में फारसी शासक नादिर शाह भारत आया और उसने मुगल सल्तनत पर आक्रमण कर दिया. इस तरह मुगल सल्तनत का पतन हो गया और सत्ता फारसी शासक नादिर शाह के हाथ चली गई. 1747 में नादिर शाह का भी कत्ल हो गया और कोहिनूर उसके उत्तराधिकारियों के हाथ में गया. लेकिन कोहिनूर के श्राप ने उन्हें भी नहीं बक्शा. सभी को सत्ताविहीन कर उन्हीं के अपने ही समुदाय पर एक बोझ बनाकर छोड़ दिया गया.

फिर यह हीरा पंजाब के राजा रणजीत सिंह के पास गया और कुछ ही समय राज करने के बाद रणजीत सिंह की मृत्यु हो गई और उनके बाद उनके उत्तराधिकारी गद्दी हासिल करने में कामयाब नहीं रहे. आखिरकार ब्रिटिश राजघराने को इस हीरे के श्रापित होने जैसी बात समझ में आ गई और उन्होंने यह निर्णय किया कि इसे कोई पुरुष नहीं बल्कि महिला पहनेगी. इसीलिए 1936 में इस हीरे को किंग जॉर्ज षष्टम की पत्नी क्वीन एलिजाबेथ के क्राउन में जड़वा दिया गया और तब से लेकर अब तक यह हीरा ब्रिटिश राजघराने की महिलाओं के ही सिर की शोभा बढ़ा रहा है

Haunted Tree

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Location In the Solukhumbu District of Nepal
 Legends and Paranormal Activity
The locals consider this tree as cursed and avoid it after dark. Strange and unexplained sounds emanate from this tree after the sun sets which some have identified as a woman crying. A powerful feeling of unease and of not being wanted is also reported
Location In the Solukhumbu District of Nepal















According to police reports a woman was murdered at this site. Two days after the murder the murderer was found dead and hanging from this same tree (In the Acham District, Seti Zone. Accessible via Highway 10.)

समन्दर में कब्रिस्तान: बरमूडा ट्राइएंगल!

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 लोगों का कहना है कि अब तक जो भी उस द्वीप में गया है कभी वापिस नहीं आया. यहां तक कि समुद्र में तैरने वाले जहाज और उस क्षेत्र के ऊपर उड़ने वाले वायुयान भी ना जाने किस तरह अपना मार्ग बदल लेते हैं और ऐसी जगह गुम हो जाते हैं जहां से उनका वापस आना मुनासिब नहीं होता.
गहरे समन्दर के बीचोंबीच है एक ऐसा क्षेत्र जहां अबतक एक हजार लोग लापता हो चुके हैं!  हम बात कर रहे हैं ‘बरमूडा ट्राइएंगल’ की, एक रहस्यमयी जलक्षेत्र जो अटलांटिक सागर में स्थित है। कम ही लोग यह जानते हैं कि अमेरिका को खोजने वाले कोलम्बस का सामना भी बरमूडा ट्राइएंगल से हुआ था। कोलम्बस ही वह पहले नाविक-खोजकर्ता थे, जिनका सामना बरमूडा ट्राइएंगल से हुआ था। बरमूडा ट्राइएंगल में न जाने ऐसी कौन सी रहस्यमय शक्ति है जो बड़े से बड़े जहाज और हवा में उड़ते विमानों को भी अपनी ओर खींच लेती है और फिर पलक झपकते ही सब कुछ गायब हो जाता है।

बरमूडा ट्राइएंगल अबतक 100 से भी ज्यादा हवाईजहाजों को निगल चुका है, हैरानी की बात है कि यहां गायब होने वाले सैकड़ों लोगों की लाशें तक नहीं मिली है। पिछले 500 से सालों से रहस्यमय शक्ति का केन्द्र बने इस जलक्षेत्र के बारे में सबसे पहले कोलम्बस ने दुनिया को बताया था। जानकारों का मानना है कि जब कोलम्बस का जहाज बरमूडा ट्राइएंगल के करीब पहुंचा, तो उसके कम्पास (दिशा बताने वाला यंत्र) ने गड़बड़ी करना शुरु कर दी। इसके बाद उसके नाविकों में हड़कंप मच गया।

ऐसा कहा जाता है कि इसके बाद कोलम्बस को आसमान से एक रहस्यमयी बिजली गिरती दिखाई दी और दिखाई दिया आग का एक बहुत बड़ा गोला, जो आसमान से निकलकर सीधे समुद्र में समा गया। कोलम्बस का जहाज जैसे-तैसे इस रहस्यमयी क्षेत्र से आगे तो बढ़ा लेकिन तब से लेकर अब तक करीब एक हजार लोग यहां लापता हो चुके हैं।

Lucknow Haunted Colony - Nirala Nagar

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Blame it on the government a decision to set up a colony in 1960 by Lucknow Improvement Trust over an area where there was a large crematorium, 2 graveyards, six mazaars, a peepal tree where the people deposited ashes of the dead and a lone temple. It invited trouble for the residents of Nirala Nagar. There are some houses here where something tragic happened with the owners. There is another area where widows stayed sans any trouble. Young people are hardly seen and the whole colony wears a look of moroseness.

Real Ghost Caught in Camera

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तस्वीरों में देखिए आत्माओं का सच :
"भूतप्रेत के होने का अहसास ही कितना भयावह होता है. जरा सोचिए आप कहीं अकेले जा रहे हैं और रास्ते में आपको यह अहसास होने लगे कि कोई है जो आपके साथ-साथ चल रहा है या दोस्तों के साथ मौज मस्ती 
करते हुए आपको किसी ना दिखने वाली शक्ति का आभास होने लगे तो आपकी क्या हालत होगी."

रात के अंधेरे में या एकांत स्थान पर आपको कभी-कभार किसी अनजानी ताकत के आसपास होने जैसा महसूस होता है. हालांकि कई बार पारलौकिक शक्तियों जैसे भूत-प्रेत और आत्माओं के होने के सबूत पेश किए गए हैं लेकिन विज्ञान ने इसे मात्र अफवाह बताकर हमेशा ही झुठलाया है. परंतु कहते हैं ना तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं. आज हम आपको अलग-अलग काल से जुड़ी कुछ ऐसी ही तस्वीरों के बारे में बता रहे हैं जिनमें अनजाने में ही कुछ आत्माएं कैद हो गईं. जिन्हें देखने के बाद वे लोग जो भूत-प्रेत जैसी बातों पर विश्वास नहीं करते उन्हें एक बार दोबारा सोचना पड़ेगा.


 समरसेट (इंग्लैंड) में खींची गई यह तस्वीर महिला की है जिसे यह आभास भी नहीं था कि अपने जिस खुशनुमा पल को वह कैमरे में कैद करने जा रही है उसके साथ एक आत्मा भी तस्वीर में आ जाएगी. यह तस्वीर वर्ष 1987 में ली गई थी, जिसमें महिला के साथ ड्राइवर सीट पर एक धुंधली सी परछाई दिखाई दे रही है.

वर्ष 1975 में ली गई यह तस्वीर नॉर्फोल्क ( ब्रिटेन) के एक चर्च में प्रार्थना के दौरान ली गई है. एक वृद्ध महिला जब चर्च में प्रार्थना कर रही थी तब शायद उसे पता भी नहीं था कि उसके साथ कैमरे में कोई और भी कैद हो गया था.




1940 की एक शाम एक व्यक्ति अपने बच्चे की कब्र पर गया. अपने बच्चे की याद को अपने पास रखने के लिए उसने इस कब्र की एक तस्वीर ली लेकिन जब उसने इस तस्वीर को देखा तो वह हैरान रह गया और इस तस्वीर में उसके बच्चे की आत्मा नजर आ रही थी.






16 नवम्बर, 1968 के दिन रॉबर्ट ए फर्गुसन कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में गेस्ट लेक्चर दे रहे थे. वहां उनके छात्र तस्वीरें भी उतार रहे थे. लेकिन जब यह तस्वीर सामने आई तो रॉबर्ट यह देखकर हैरान रह गए कि उनके साथ उनके भाई की आत्मा खड़ी थी.

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